ek naya safar
ऐसे ही तो नहीं गए होगे
सुना मैंने की तुम सबसे आखिर में गए
बहुत कोशिश की होगी तुमने जीने की
सोचा तो होगा जाते वक़्त
कैसे लड़ेंगे सब इस इलज़ाम से
मैं जाऊंगा तो सब बिखर जायेगा
वो माँ जिसने कहा था सौ साल जीना और लड़ना
क्या होगा उसका, वो बहन ज्सिने कहा था
भाई साथ में है घबराना मत
वो पिता जो कुछ बोलता नहीं पर जानता है
सहारा हूँ मैं उसका
सब सोचा होगा और फिर जीने की कोशिश की होगी
लड़े होगे मौत से बहादुरी से ,पर तुमको जाना पड़ा
क्योंकि सफ़र ख़तम था तुम्हारा
और थी एक नयी शुरुआत
एक शुरुआत जिसने दिए
नए अर्थ जीवन के , जीने का जज़बा
हौसला लड़ने का जीतने का
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