पुरुष बनाम मर्द
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Showing posts from April, 2013
पुरुष बनाम मर्द
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माँ की गोद में खेलता छोटा लड़का यह नहीं जानता कि उसे कितनी बड़ी जंग के लिए तैयार किया जा रहा है। ऐसी जंग जो पुरुष होने के बावजूद उसे मर्द बनने के लिए बाध्य करती है। देखने में लगता है यह तो एक ही शब्द है, लेकिन नहीं दोनों में ज़मीन -आसमान का फर्क है। पुरुष तो कोई भी जन्म से हो सकता पर मर्द बनने के लिए उसे कई कसौटियां पर करनी पड़ती है। फिर चाहे वो इस कसौटी को पार करना चाहे या नहीं। पुरुष पर इस बात का दबाव रहता है की वो मर्द बने। उसे रोने का हक नहीं वरना वो मर्द नहीं रहेगा , उसे रक्षा करनी है वरना वो मर्द नहीं है। रक्षा करते हुए शहीद हो जाना सच्चे मर्द की निशानी है। हम रोज़ देखते हैं की पुरुष को तरह तरह की हिदायतें दी जाती है महिला की रक्षा करो , महिला का सम्मान करो इत्यादि । यह सब पुरुष नहीं मर्द से अपेक्षित है। और इस मर्दानगी को साबित करने के लिए पुरु...
RIP Brothers
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13 April , 2013 About hundred plus people gathered opposite police headquarters , ITO in New Delhi . They had candles , pictures of martyrs of marriage and banners in hand . Who are these people and why are they here ? These people are normal law abiding citizens who are made criminal by one or more biased laws. They know what Manoj , Prashant and many more fighting with biased system must have gone through before ending their lives . All of them have experienced this at one or the other point of time . Some of them survived that time and some of them succumb . Those who succumb are not failures , they are martyrs , martyrs of marriage . ...
और कितने शहीद ?
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बुधवार की आम सुबह थी, जब बैंगलोर एक कटु घटना के साथ जागा . ३६ वर्षीय नौजवान ने अपनी पत्नी के अत्याचार से तंग आकर आत्महत्या कर ली . अपने पीछे वह अपने एक वर्षीय पुत्र , अपनी वृद्ध माँ , दो विवाहित भाइयों को छोड़ गया . साथ ही एक सुसाइड नोट जिसमें उसने अपनी पत्नी और सास को इस कठोर कदम का दोषी बताया है . पेशे से तकनीशियन मनोज कुमार ओरेकल के लिए काम करता था और उसकी पत्नी प्रमिला भारत इलेक्ट्रिक में काम करती थी . मनोज की शादी कलह पूर्ण थी , पत्नी के लगातार अत्याचारों ने उसे परिवार से अलग रहने को मजबूर कर दिया था . उसकी दहेज़ का केस करने की धमकी के चलते मनोज ने यह कदम उठाया साथ ही 8 अप्रैल की दुर्भाग्यपूर्ण रात को मरने से पहेले अपनी टी शर्ट पर" सॉरी बेटा" लिखा . यह सब उसकी पत्नी की प्रताड़ना के बाद हुआ जिसमें प्रमिला ने मनोज के भाई को हेलमे...
PAIN OF BEING FORGOTTEN
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Marriage at the age of twenty four and a half and making a new family yours is a big task . It was accomplished successfully and life was going on smoothly . When a new family is yours , you alomst forget the old one . That is what girls were taught a few years back . Nothing is perfect in this world so was not the new family but efforts were making it perfect .Then came the turmoil another entry in old family brought it . Turmoil gave new meaning of liberation . Here liberation meant no responsibility only rights . Rights to do anything without questions . This turmoil didnt know that somebody's liberation ends with someone else's liberation . When your liberty makes other person uncomfortable that is ...
ek naya safar
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ऐसे ही तो नहीं गए होगे सुना मैंने की तुम सबसे आखिर में गए बहुत कोशिश की होगी तुमने जीने की सोचा तो होगा जाते वक़्त कैसे लड़ेंगे सब इस इलज़ाम से मैं जाऊंगा तो सब बिखर जायेगा वो माँ जिसने कहा था सौ साल जीना और लड़ना क्या होगा उसका, वो बहन ज्सिने कहा था भाई साथ में है घबराना मत वो पिता जो कुछ बोलता नहीं पर जानता है सहारा हूँ मैं उसका सब सोचा होगा और फिर जीने की कोशिश की होगी लड़े होगे मौत से बहादुरी से ,पर तुमको जाना पड़ा क्योंकि सफ़र ख़तम था तुम्हारा और थी एक नयी शुरुआत एक शुरुआत जिसने दिए नए अर्थ जीवन के , जीने का जज़बा हौसला लड़ने का जीतने का